मैं हूँ ऒस की बूँदे ,में तुझको ही पाना चाहूँ ।
धूप पड़े जो मुझपे ,कैसे खुदको बचाऊँ ॥
चम् -चम् चमकी तू है ,प्रेम का हूँ मैं सागर ।
आजा मिल ले मुझसे ,तुझपे हूँ में कायल ॥
रुकजा थम जा लगा ले ,मुझको अपने होठों से ।
फिर मिलें ना जो हम तुम , कैसे कटेंगी ये रातेँ ॥
बातें करले मुझसे, होजा मुझमें शामिल ।
चलना तू मेरे संग, बनकर मेरा साहिल ॥
सुनले मेरे दिल की, धड़कन की ये ग़ज़लें ।
रो भी ना सकूँगा मैं तॊ , जो टूटेंगी तेरी कसमें ॥
हर पल तेरे पीछे , सिसकी सी गूंजेगी ।
पूछेंगे सब तुझसे, लाज में तू डूबेगी ॥
हँस ले चाहे कितना, पर टीस तेरे भी मन में ।
उठ कर तुझसे पूछे , क्यूँ छोड़ा तूने वो शायर ॥
निमिष चन्दोला
धूप पड़े जो मुझपे ,कैसे खुदको बचाऊँ ॥
चम् -चम् चमकी तू है ,प्रेम का हूँ मैं सागर ।
आजा मिल ले मुझसे ,तुझपे हूँ में कायल ॥
रुकजा थम जा लगा ले ,मुझको अपने होठों से ।
फिर मिलें ना जो हम तुम , कैसे कटेंगी ये रातेँ ॥
बातें करले मुझसे, होजा मुझमें शामिल ।
चलना तू मेरे संग, बनकर मेरा साहिल ॥
सुनले मेरे दिल की, धड़कन की ये ग़ज़लें ।
रो भी ना सकूँगा मैं तॊ , जो टूटेंगी तेरी कसमें ॥
हर पल तेरे पीछे , सिसकी सी गूंजेगी ।
पूछेंगे सब तुझसे, लाज में तू डूबेगी ॥
हँस ले चाहे कितना, पर टीस तेरे भी मन में ।
उठ कर तुझसे पूछे , क्यूँ छोड़ा तूने वो शायर ॥
निमिष चन्दोला
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